आजकल हर कोई यह सोचता है कि डॉक्टर बनना एक बेहद प्रतिष्ठित और स्थिर करियर है। लेकिन जब बात होम्योपैथी की होती है, तो अक्सर इसे कम समझा जाता है।
होम्योपैथिक डॉक्टर बनने का सफर न केवल दिलचस्प है बल्कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जो बिना किसी साइड इफेक्ट के मरीजों का इलाज करने का मौका देता है।
अगर आप भी होम्योपैथिक डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए है। यहां हम इस करियर के हर पहलू को विस्तार से समझेंगे।
आज हम जानेंगे की
Homeopathy क्या है?
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि होम्योपैथी क्या है।
होम्योपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है, जिसकी शुरुआत 1796 में जर्मन फिजिशियन सैमुअल हैनीमैन ने की थी। यह चिकित्सा प्रणाली इस सिद्धांत पर आधारित है कि “जैसा इलाज वैसा ही उपचार” यानी “Like cures like”।
अगर किसी पदार्थ से कोई लक्षण पैदा होता है, तो वही पदार्थ उसे ठीक भी कर सकता है, जब उसे बहुत कम मात्रा में दिया जाए।
Homeopathy की विशेषताएँ:
- सुरक्षित उपचार: इसमें इस्तेमाल होने वाली दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
- दीर्घकालिक प्रभाव: होम्योपैथी बीमारी को जड़ से खत्म करने पर ध्यान देती है।
- प्राकृतिक उपचार: यह चिकित्सा प्रणाली शरीर की स्वाभाविक चिकित्सा क्षमता को प्रोत्साहित करती है।
Homeopathy का इतिहास:
होम्योपैथी की शुरुआत जर्मनी में हुई थी, लेकिन आज यह पूरी दुनिया में लोकप्रिय है। भारत में यह चिकित्सा पद्धति लगभग 200 साल पहले आई और आज देश में सबसे अधिक होम्योपैथिक डॉक्टर मौजूद हैं। भारत सरकार ने इसे आयुष (AYUSH) प्रणाली के तहत मान्यता दी है।
आज भारत में 2 लाख से अधिक होम्योपैथिक डॉक्टर सक्रिय हैं, और यह संख्या हर साल बढ़ रही है।
Homeopathy डॉक्टर बनने के लिए आवश्यक योग्यता
अब सवाल आता है कि होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए कौन-कौन सी योग्यताएँ होनी चाहिए। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
Educational Qualification
- 12वीं पास करें (PCB के साथ): होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए 12वीं में Physics, Chemistry, और Biology मुख्य विषय होने चाहिए। इसके साथ 50% या उससे अधिक अंक होना अनिवार्य है।
- NEET परीक्षा पास करें: अगर आप देश के बड़े और नामी कॉलेज में दाखिला लेना चाहते हैं, तो आपको NEET (National Eligibility cum Entrance Test) पास करना होगा। यह मेडिकल फील्ड के लिए सबसे महत्वपूर्ण एंट्रेंस एग्जाम है।
- परीक्षा का स्वरूप: 180 प्रश्न (फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी)।
- तैयारी कैसे करें: पिछले साल के प्रश्न पत्र हल करें, NCERT किताबों का अध्ययन करें और मॉक टेस्ट दें।
- BHMS कोर्स करें: BHMS का मतलब है “Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery”। यह कोर्स एक अंडरग्रेजुएट मेडिकल डिग्री है, जो होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए अनिवार्य है।
BHMS कोर्स की अवधि
BHMS कोर्स कुल 5 साल का होता है:
- 4 साल की पढ़ाई: थ्योरी और Practical की पढ़ाई होती है। इसमें Homeopathic Philosophy, Anatomy, Physiology and Pathology पढ़ाई जाती है।
- 1 साल की इंटर्नशिप: यह Practical अनुभव के लिए अनिवार्य है। इसमें आप मरीजों का इलाज करना सीखते हैं।
योग्यता | विवरण |
---|---|
12वीं (PCB) | 50% से अधिक अंक |
एंट्रेंस परीक्षा | NEET या कॉलेज का अपना टेस्ट |
कोर्स | BHMS |
BHMS कोर्स के प्रकार
BHMS कोर्स के दौरान आप कई विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। यह विशेषज्ञता आपको अपने करियर में आगे बढ़ने में मदद करती है।
BHMS में स्पेशलाइजेशन:
- Homeopathic pharmacy: दवाइयों के निर्माण और उनके उपयोग के बारे में जानकारी।
- Homeopathic paediatrics: बच्चों की बीमारियों का इलाज।
- Homeopathic Psychiatrix: मानसिक बीमारियों का इलाज।
- Homeopathic dermatology: त्वचा संबंधी समस्याओं का इलाज।
- Homeopathic infertility specialist: बांझपन का इलाज।
इन क्षेत्रों में करियर की संभावनाएँ:
- होम्योपैथिक डर्मेटोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल करके आप स्किन क्लीनिक चला सकते हैं।
- पीडियाट्रिक्स में विशेषज्ञता बच्चों के डॉक्टर बनने का अवसर देती है।
BHMS कोर्स का खर्च
BHMS (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) कोर्स करने से पहले सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि इस कोर्स को पूरा करने में कितना खर्च आएगा। इसका उत्तर कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि कॉलेज सरकारी है या प्राइवेट, और आप किस शहर या राज्य में पढ़ाई कर रहे हैं।
1. कोर्स की ट्यूशन फीस
यह कोर्स सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में उपलब्ध है, और दोनों की फीस में बड़ा अंतर होता है:
- सरकारी कॉलेज: सरकारी कॉलेजों में BHMS कोर्स की फीस काफी किफायती होती है। आमतौर पर इसकी फीस ₹50,000 से ₹1,00,000 प्रति वर्ष के बीच होती है। यह फीस राज्य और संस्थान के नियमों के आधार पर थोड़ी अलग हो सकती है।
- प्राइवेट कॉलेज: प्राइवेट कॉलेजों में BHMS कोर्स की फीस सरकारी कॉलेजों की तुलना में अधिक होती है। औसतन, प्राइवेट कॉलेज में फीस ₹2,00,000 से ₹5,00,000 प्रति वर्ष तक हो सकती है। कुछ प्रतिष्ठित प्राइवेट कॉलेजों में यह खर्च और भी अधिक हो सकता है।
2. किताबें और स्टडी मटेरियल
BHMS कोर्स के दौरान पढ़ाई के लिए कई तरह की किताबों और स्टडी मटेरियल की जरूरत होती है। इनका खर्च:
- औसतन ₹10,000 से ₹20,000 प्रति वर्ष हो सकता है।
- अगर आप ऑनलाइन कोर्स या डिजिटल किताबों का उपयोग करते हैं, तो यह खर्च कुछ हद तक कम हो सकता है।
3. इंटर्नशिप के दौरान खर्च
BHMS कोर्स के आखिरी वर्ष में इंटर्नशिप करना अनिवार्य होता है। इस दौरान होने वाले खर्चों में शामिल हैं:
- प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए फीस: कुछ कॉलेज इंटर्नशिप के लिए अलग से फीस लेते हैं।
- रोजमर्रा के खर्च: जैसे कि ट्रांसपोर्टेशन, खाने-पीने और रहने का खर्च।
- यह खर्च औसतन ₹10,000 से ₹50,000 के बीच हो सकता है, जो आपके शहर और जीवनशैली पर निर्भर करता है।
4. अन्य खर्चे
BHMS कोर्स के दौरान कुछ और छोटे-मोटे खर्च भी हो सकते हैं, जैसे:
- लैबोरेटरी प्रैक्टिकल के लिए उपकरण और सामग्री।
- कॉलेज के वार्षिक फंक्शन, सेमिनार, और एक्स्ट्रा एक्टिविटीज में भाग लेने का खर्च।
- यूनिफॉर्म (कुछ कॉलेजों में सफेद कोट अनिवार्य होता है)।
कुल अनुमानित खर्च
अगर आप सरकारी कॉलेज से BHMS करते हैं, तो कोर्स पूरा करने का औसत खर्च लगभग ₹2,50,000 से ₹6,00,000 तक हो सकता है। वहीं, प्राइवेट कॉलेज से यह खर्च ₹10,00,000 से ₹25,00,000 तक जा सकता है। यह खर्च आपकी Personal Lifestyle और College के स्थान पर भी निर्भर करता है।
खर्च को कम करने के उपाय
- Scholarship: कई सरकारी और प्राइवेट कॉलेज मेरिट और जरूरत आधारित स्कॉलरशिप प्रदान करते हैं।
- Education loan: अगर खर्च ज्यादा है, तो आप बैंक से एजुकेशन लोन ले सकते हैं।
- Part time job: पढ़ाई के दौरान कुछ स्टूडेंट्स पार्ट-टाइम काम कर अपनी आर्थिक स्थिति को संभालते हैं।
BHMS कोर्स में खर्च जरूर होता है, लेकिन यह निवेश आपके करियर को एक स्थायी आधार देने में मदद करता है।
इसलिए, BHMS कोर्स करने से पहले बजट और कॉलेज की Fee structure को ध्यान से समझना जरूरी है।
भारत के शीर्ष BHMS कॉलेज
आपके करियर को मजबूत बनाने के लिए सही कॉलेज का चुनाव करना बेहद जरूरी है। यहां भारत के कुछ प्रमुख BHMS कॉलेजों की सूची दी गई है:
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी, कोलकाता
- भारतीय विद्यापीठ, पुणे
- डॉ. डी. वाई. पाटिल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, पुणे
- गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, केरल
- प्रताप चंद्र मेमोरियल होम्योपैथिक कॉलेज, ओडिशा
कॉलेज चुनते समय ध्यान दें:
- कॉलेज की मान्यता (Recognized by Central Council of Homeopathy – CCH)
- प्लेसमेंट रिकॉर्ड
- इंटर्नशिप की सुविधा
करियर के अवसर
BHMS (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) कोर्स पूरा करने के बाद आपके पास करियर के कई विकल्प होते हैं। इस कोर्स के दौरान आपको होम्योपैथी से जुड़ी जानकारी और प्रैक्टिकल अनुभव मिलता है, जिससे आप अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।
जॉब के अवसर:
- सरकारी अस्पताल: आप सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के रूप में काम कर सकते हैं।
- प्राइवेट क्लीनिक: बड़े प्राइवेट क्लीनिक या अस्पतालों में नौकरी कर सकते हैं।
- खुद का क्लीनिक: आप अपना खुद का होम्योपैथिक क्लीनिक खोल सकते हैं।
- शिक्षा क्षेत्र: मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर के रूप में काम कर सकते हैं।
- रिसर्च और डेवलपमेंट: नई दवाइयों के विकास में योगदान कर सकते हैं।
उभरते हुए क्षेत्र:
- टेलीमेडिसिन: घर बैठे ऑनलाइन कंसल्टेशन की बढ़ती मांग।
- वैकल्पिक चिकित्सा केंद्र: आयुर्वेद और योग के साथ होम्योपैथी को जोड़कर काम करना।
सैलरी
Homeopathic doctor की सैलरी उनके अनुभव, कौशल और काम की जगह पर निर्भर करती है। अगर आप अपनी खुद की प्रैक्टिस शुरू करते हैं, तो कमाई पूरी तरह से मरीजों की संख्या और आपकी प्रतिष्ठा पर आधारित होती है।
वहीं, अगर आप किसी अस्पताल, क्लिनिक या हेल्थ सेंटर में काम करते हैं, तो शुरुआती सैलरी आमतौर पर ₹20,000 से ₹40,000 प्रति महीने तक हो सकती है।
जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है और आपका नाम बनता है, सैलरी ₹50,000 से ₹1,00,000 प्रति महीने या उससे भी अधिक हो सकती है।
इसके अलावा, अगर आप Research, teaching or pharma industry में काम करते हैं, तो सैलरी अलग-अलग हो सकती है। कुल मिलाकर, यह आपके करियर की दिशा और मेहनत पर निर्भर करता है।
सैलरी का औसत:
- सरकारी नौकरी: ₹30,000 से ₹60,000 प्रति माह।
- प्राइवेट नौकरी: ₹40,000 से ₹1,00,000 प्रति माह।
- खुद का क्लीनिक: आपकी कमाई मरीजों की संख्या पर निर्भर करती है।
अनुभव स्तर | औसत सैलरी (प्रति माह) |
फ्रेशर | ₹30,000 से ₹50,000 |
5+ साल का अनुभव | ₹50,000 से ₹1,00,000 |
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
होम्योपैथी का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि यह प्राकृतिक, सस्ती और कम साइड इफेक्ट वाली चिकित्सा पद्धति है। आजकल लोग होम्योपैथी को क्रॉनिक बीमारियों और लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याओं के लिए प्राथमिकता दे रहे हैं।
हां, डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म्स के बढ़ने से होम्योपैथी डॉक्टर ऑनलाइन कंसल्टेशन दे सकते हैं। इसके लिए आपको लाइसेंस और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करना आना चाहिए।
हां, लेकिन इसके लिए संबंधित देश के चिकित्सा बोर्ड से लाइसेंस प्राप्त करना होगा। कुछ देशों में होम्योपैथी को मान्यता प्राप्त है, जबकि अन्य देशों में सीमित अनुमति दी जाती है।
निष्कर्ष
होम्योपैथिक डॉक्टर बनना एक बेहतरीन और संतोषजनक करियर विकल्प है। यह न केवल मरीजों की मदद करने का मौका देता है, बल्कि इसे अपनाकर आप अपने जीवन में स्थिरता और आर्थिक संतोष भी पा सकते हैं। सही पढ़ाई, सही कॉलेज और मेहनत से आप इस क्षेत्र में एक सफल करियर बना सकते हैं।
अगर आप भी मरीजों की सेवा और होम्योपैथी के माध्यम से उनके जीवन को बेहतर बनाने का सपना देख रहे हैं, तो आज ही इस दिशा में पहला कदम उठाइए।

Akash Mahto is a dedicated educator and blogger passionate about helping students prepare for competitive exams. With years of experience in guiding students, Akash shares valuable insights on government job opportunities, exam preparation strategies, and career growth.