12th के बाद Accountant कैसे बनें? : क्या है जॉब, सैलरी और जरूरी स्किल्स

Accountant कैसे बनें?

Accountant बनना एक ऐसा करियर है जो न सिर्फ आपको एक स्थिर नौकरी देता है, बल्कि आपको बड़े व्यवसायों के financial management का हिस्सा बनने का भी मौका देता है।

अगर आप भी यह सोच रहे हैं कि अकाउंटेंट कैसे बनें, तो हम आपको एकदम शुरुआत से लेकर प्रोफेशनल अकाउंटेंट बनने तक की पूरी जानकारी देंगे।


Accountant का काम क्या होता है?

जब भी आप किसी कंपनी, बिजनेस, या दुकान में कामकाज को संभालते हुए देखते हैं, तो एक बात हमेशा नजर आती है – अकाउंटेंट।

एक Accountant का काम केवल हिसाब-किताब रखना नहीं है, बल्कि वह कंपनी के financial health का भी ख्याल रखता है।

Accountant के मुख्य काम:

  • लेन-देन की एंट्री: अकाउंटिंग की शुरुआत यहीं से होती है। हर छोटी-बड़ी कमाई और खर्च का रिकॉर्ड रखना बेहद जरूरी है।
  • टैक्स फाइलिंग: GST और इनकम टैक्स जैसे टैक्स फॉर्म भरने का काम भी अकाउंटेंट ही करता है। यह काम बहुत सावधानी से किया जाता है ताकि कोई गलती न हो।
  • फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स: बैलेंस शीट और प्रॉफिट-लॉस स्टेटमेंट बनाना, जिससे पता चले कि कंपनी लाभ में है या घाटे में।
  • बैंक रीकंसिलिएशन: बैंक अकाउंट्स के ट्रांजैक्शन का मिलान करना, ताकि कोई भी एरर सही समय पर पकड़ा जा सके।
  • एरर रेक्टिफिकेशन: अगर अकाउंट्स में कोई गड़बड़ी हो जाए, तो उसे ठीक करना भी अकाउंटेंट की जिम्मेदारी है।

Accountant बनने के लिए शुरुआती योग्यता

अब बात करते हैं कि अकाउंटेंट बनने के लिए आपको शुरुआत कहां से करनी चाहिए। इसकी नींव आपकी शिक्षा और कौशल में होती है।

12वीं के बाद क्या करें?

अगर आप 12वीं में हैं और अकाउंटेंट बनने का सपना देख रहे हैं, तो कॉमर्स सबसे सही स्ट्रीम है। इसमें आपको Accounting, Business Studies and Economics जैसे विषय पढ़ने को मिलते हैं।

अगर आपने साइंस या आर्ट्स ली है, तो भी निराश होने की जरूरत नहीं है। Accountant के बेसिक्स सीखकर आप इस फील्ड में आ सकते हैं।

जरूरी शिक्षा:

शिक्षा स्तरक्या करें?
12वीं पासकॉमर्स स्ट्रीम से बेहतर।
ग्रेजुएशनबी.कॉम (सामान्य या ऑनर्स)।
पोस्ट ग्रेजुएशन (वैकल्पिक)एम.कॉम या एमबीए (फाइनेंस)।

जरूरी स्किल्स

पढ़ाई के साथ-साथ कुछ जरूरी स्किल्स भी हैं, जो आपको एक सफल Accountant बनने में मदद करेंगी।

बेसिक स्किल्स:

  1. बेसिक अकाउंटिंग नॉलेज: लेजर, जनरल एंट्री और फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को समझने की क्षमता।
  2. कंप्यूटर स्किल्स: आज के समय में MS Excel और Tally जैसे सॉफ्टवेयर का ज्ञान होना अनिवार्य है।
  3. टैक्सेशन नॉलेज: GST और इनकम टैक्स के रूल्स को समझना जरूरी है।
  4. कम्युनिकेशन स्किल्स: क्लाइंट्स और मैनेजमेंट के साथ अच्छे से संवाद करने की क्षमता।
  5. डेटा एनालिसिस: फाइनेंशियल डेटा को सही तरीके से एनालाइज करना।

Accountant में जरूरी कोर्स

एक अच्छा अकाउंटेंट बनने के लिए सही कोर्स करना बहुत जरूरी है। नीचे कुछ ऐसे कोर्स बताए गए हैं, जो आपकी अकाउंटिंग की पढ़ाई को आसान और प्रैक्टिकल बनाते हैं।

Accountant के कोर्स का खर्च

किसी भी कोर्स को करने से पहले उसके खर्च की जानकारी होना बहुत जरूरी है, ताकि आप बेहतर प्लानिंग कर सकें। Accountant में कोर्स करने के लिए अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग खर्च होते हैं।

1. ग्रेजुएशन स्तर पर:

  • बी.कॉम: बी.कॉम कोर्स का खर्च सरकारी कॉलेजों में ₹10,000 से ₹50,000 प्रति वर्ष तक हो सकता है। प्राइवेट कॉलेजों में यह खर्च ₹1 लाख से ₹3 लाख प्रति वर्ष तक हो सकता है।

2. प्रोफेशनल कोर्स:

  • चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA):
    • रजिस्ट्रेशन फीस: ₹10,000 से ₹20,000।
    • कोचिंग फीस: ₹50,000 से ₹1,50,000 प्रति स्तर (Foundation, Intermediate, Final)।
    • कुल खर्च: ₹2 लाख से ₹3 लाख तक।
  • CMA (Cost and Management Accounting):
    • रजिस्ट्रेशन और कोचिंग: ₹1.5 लाख से ₹2 लाख।

3. शॉर्ट टर्म कोर्स:

  • Tally ERP और GST Certification:
    • इन कोर्स का खर्च ₹10,000 से ₹50,000 के बीच होता है।
    • यह 3-6 महीने के लिए होता है।

अन्य खर्च:

  • पढ़ाई का सामान: किताबें और स्टडी मटीरियल का खर्च ₹5,000 से ₹10,000 तक हो सकता है।
  • इंटरनेट और कोचिंग के ऑनलाइन टूल्स: अगर आप ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, तो ₹500 से ₹1,000 प्रति माह अतिरिक्त खर्च हो सकता है।

इन खर्चों को ध्यान में रखते हुए, आप अपने बजट के अनुसार सही कोर्स का चयन कर सकते हैं।

कोर्स का नामअवधिक्या सिखाया जाता है?
बी.कॉम3 सालफाइनेंशियल अकाउंटिंग, टैक्सेशन।
एम.कॉम2 सालएडवांस अकाउंटिंग।
ADFA (Advanced Diploma in Financial Accounting)1 सालबेसिक से लेकर एडवांस अकाउंटिंग।
Tally ERP6 महीनेअकाउंटिंग सॉफ्टवेयर।
GST Certification3-6 महीनेGST की पूरी जानकारी।

कौन सा कोर्स आपके लिए सही है?

  • अगर आप शुरुआत कर रहे हैं, तो बी.कॉम सबसे अच्छा है। यह आपको अकाउंटिंग और फाइनेंस का एक मजबूत आधार देगा।
  • गहराई से सीखने के लिए CA और CMA जैसे प्रोफेशनल कोर्स चुनें।
  • अगर आप फास्ट-ट्रैक कोर्स चाहते हैं, तो Tally और GST Certification सबसे बेहतर विकल्प हैं।

Accountant बनने के बाद सैलरी

अगर आप Accountant बनने की सोच रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि इस फील्ड में सैलरी आपकी योग्यता, अनुभव और जॉब प्रोफाइल पर निर्भर करती है।

शुरुआत में सैलरी थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन जैसे-जैसे आपका अनुभव और स्किल्स बढ़ते हैं, वैसे-वैसे आपकी सैलरी में भी इज़ाफा होता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

1. फ्रेशर्स के लिए सैलरी

शुरुआत में एक अकाउंटेंट का काम बेसिक अकाउंटिंग और डेटा एंट्री जैसे टास्क्स पर केंद्रित होता है।

  • सैलरी: ₹15,000 से ₹25,000 प्रति माह के बीच हो सकती है।
  • जॉब प्रोफाइल: ज्यादातर फ्रेशर्स को जूनियर अकाउंटेंट, डेटा एंट्री ऑपरेटर, या असिस्टेंट अकाउंटेंट के रूप में काम मिलता है।
  • टिप्स: इस समय पर ज्यादा से ज्यादा सीखने पर ध्यान दें। अपने बेसिक्स मजबूत करें और नई-नई अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पर काम करना सीखें।

2. मिड-लेवल अकाउंटेंट के लिए सैलरी

जिनके पास 2 से 5 साल का अनुभव हो, उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं।

  • सैलरी: ₹30,000 से ₹50,000 प्रति माह के बीच।
  • जॉब प्रोफाइल: इस स्तर पर आप सीनियर अकाउंटेंट, टैक्स कंसल्टेंट, या अकाउंट्स मैनेजर जैसे रोल में काम कर सकते हैं।
  • टिप्स: फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स और टैक्सेशन की अच्छी समझ विकसित करें। साथ ही, नई तकनीकों को अपनाने से आपकी वैल्यू बढ़ सकती है।

3. एक्सपर्ट अकाउंटेंट या स्पेशलिस्ट के लिए सैलरी

अगर आपके पास 5 साल से ज्यादा का अनुभव है, तो आपके पास बड़ी कंपनियों में काम करने का मौका होता है।

  • सैलरी: ₹60,000 या इससे ज्यादा प्रति माह।
  • जॉब प्रोफाइल: फाइनेंशियल एनालिस्ट, ऑडिटर, चीफ अकाउंटेंट जैसे हाई-लेवल प्रोफाइल्स।
  • टिप्स: टीम को लीड करने की स्किल्स और फाइनेंशियल प्लानिंग में महारत हासिल करें। साथ ही, इंडस्ट्री में आने वाले बदलावों के साथ खुद को अपडेट रखें।

अकाउंटिंग की तकनीकी जानकारी

1. बेसिक अकाउंटिंग

अगर आप सोच रहे हैं कि अकाउंटिंग की शुरुआत कहां से होती है, तो इसका जवाब है बेसिक अकाउंटिंग। इसमें आपको सिखाया जाता है कि कैसे लेजर बनाना है, कैसे जनरल एंट्री करनी है और बैलेंस शीट कैसे तैयार करनी है।

2. कंप्यूटर अकाउंटिंग

आज के समय में अकाउंटिंग का ज्यादातर काम कंप्यूटर पर होता है। Tally और Busy जैसे सॉफ्टवेयर की मदद से अकाउंट्स को मैनेज करना आसान हो गया है। साथ ही, MS Excel डाटा एनालिसिस और रिपोर्टिंग में काम आता है।

सॉफ्टवेयरउपयोगिता
Tallyछोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए।
Busyइन्वेंट्री मैनेजमेंट और अकाउंटिंग।
MS Excelडाटा एनालिसिस और रिपोर्टिंग।

प्रैक्टिकल अनुभव कैसे लें?

पढ़ाई पूरी करने के बाद सबसे जरूरी चीज होती है प्रैक्टिकल अनुभव। यह आपको सिखाता है कि असल दुनिया में अकाउंटिंग का काम कैसे होता है।

अनुभव लेने के तरीके:

  1. इंटर्नशिप: किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट के साथ काम करें।
  2. फ्रीलांसिंग: छोटे व्यवसायों के लिए अकाउंटिंग सर्विसेज ऑफर करें।
  3. एंट्री-लेवल जॉब: जूनियर अकाउंटेंट के रूप में शुरुआत करें।

जॉब के अवसर

एक बार जब आपके पास पढ़ाई, स्किल्स और अनुभव हो जाए, तो आप आसानी से जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

संभावित जॉब रोल्स:

  • जूनियर अकाउंटेंट
  • सीनियर अकाउंटेंट
  • टैक्स कंसल्टेंट
  • ऑडिटर
  • फाइनेंशियल एनालिस्ट

अकाउंटेंट बनने का पूरा रोडमैप

  1. 12वीं (कॉमर्स/साइंस/आर्ट्स) पास करें।
  2. बी.कॉम में एडमिशन लें।
  3. अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर और GST का कोर्स करें।
  4. किसी अनुभवी अकाउंटेंट के साथ इंटर्नशिप करें।
  5. जॉब के लिए अप्लाई करें और अनुभव बढ़ाएं।

निष्कर्ष

अकाउंटेंट बनना एक ऐसा करियर है, जो न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि इसमें ग्रोथ की भी अपार संभावनाएं हैं। अगर आप सही दिशा में मेहनत करें और जरूरी स्किल्स सीखें, तो आप एक सफल अकाउंटेंट बन सकते हैं। याद रखें, पढ़ाई और प्रैक्टिकल अनुभव का सही संतुलन ही आपको इस करियर में आगे ले जाएगा।

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